मेडिकल जांच के बाद कड़ी सुरक्षा में कोर्ट पहुंचाया गया
मंगलवार सुबह लोकायुक्त की टीम तीनों आरोपियों को भोपाल के हमीदिया अस्पताल लेकर पहुंची, जहां उनकी मेडिकल जांच कराई गई। इसके बाद सुरक्षा के कड़े इंतजाम के बीच दो गाड़ियों में उन्हें कोर्ट लाया गया। पेशी के दौरान मीडिया और वकीलों की भारी भीड़ उमड़ी, जिससे साफ है कि यह मामला अब जनता और प्रशासन दोनों की नजरों में विशेष महत्व रखता है। लोकायुक्त ने सुरक्षा कारणों से आरोपियों को कोर्ट में पिछले दरवाजे से प्रवेश दिलाया और सुनवाई के बाद उसी रास्ते से बाहर निकाला।ईडी की नजर: जेल में भी हो सकती है गहन पूछताछ
ईडी ने कोर्ट में एक आवेदन दायर कर आरोपियों से जेल में भी पूछताछ करने की अनुमति मांगी है। सूत्रों के अनुसार, सौरभ शर्मा और उसके साथियों के पास करोड़ों की अवैध संपत्ति के सुराग मिले हैं, जिनकी जांच आवश्यक मानी जा रही है। कोर्ट ने इस आवेदन को विचाराधीन रखा है और आने वाले दिनों में इस पर सुनवाई संभव है।बढ़ सकती है जांच की परिधि, कर्मचारी और रिश्तेदार भी घेरे में
सूत्रों के मुताबिक, लोकायुक्त अब इस मामले में सौरभ शर्मा के करीबी रिश्तेदारों, कर्मचारियों और सहयोगियों की भूमिका की भी जांच कर रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, सौरभ की कंपनियों में 50 से अधिक कर्मचारी कार्यरत थे, जिनकी सूची तैयार कर ली गई है। इसके अलावा, 18 प्रमुख रिश्तेदारों को भी नोटिस जारी कर दिए गए हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि यह मामला सिर्फ तीन आरोपियों तक सीमित नहीं है, बल्कि भ्रष्टाचार का एक पूरा नेटवर्क उजागर होने की संभावना है।क्या यह सिर्फ एक व्यक्ति का खेल था या बड़ा भ्रष्टाचार तंत्र?
इस मामले ने मध्य प्रदेश में सरकारी विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार की परतें खोल दी हैं। आरटीओ, जो आम जनता से सीधा जुड़ा हुआ विभाग है, उसमें इस स्तर पर भ्रष्टाचार का होना प्रशासन की विफलता को उजागर करता है। सवाल यह उठता है कि क्या सौरभ शर्मा और उनके सहयोगी अकेले इस खेल को अंजाम दे रहे थे, या फिर इस खेल में कई बड़े अधिकारी और प्रभावशाली लोग भी शामिल थे? अगर ईडी और आयकर विभाग की जांच में आरोपी के बैंक खातों, संपत्तियों और लेन-देन का पूरा खुलासा होता है, तो हो सकता है कि कई और चौंकाने वाले नाम सामने आएं। यह देखना दिलचस्प होगा कि लोकायुक्त और ईडी की संयुक्त जांच कितनी दूर तक जाती है और क्या यह जांच एक बड़े भ्रष्टाचार सिंडिकेट को बेनकाब कर पाएगी या नहीं।आगे की राह: क्या बड़े नामों का भी खुलासा होगा ?
लोकायुक्त और ईडी की जांच अब निर्णायक मोड़ पर है। आने वाले दिनों में नए नाम सामने आ सकते हैं और हो सकता है कि प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़े। यह मामला सिर्फ सौरभ शर्मा तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसमें कई और नाम जुड़ने की संभावना है।महत्वपूर्ण सवाल:
👉 क्या इस भ्रष्टाचार कांड में और भी सरकारी अधिकारी शामिल हैं?👉 क्या आरोपियों की संपत्तियों और लेन-देन का पूरा खुलासा होगा?
👉 क्या बड़े राजनीतिक और प्रशासनिक चेहरे भी बेनकाब होंगे?
👉 इस मामले की आगे की जांच से यह स्पष्ट हो जाएगा कि प्रशासनिक तंत्र में भ्रष्टाचार कितना गहरा है और क्या कानून का शिकंजा वास्तव में दोषियों तक पहुंचेगा या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा।
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