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'बैंक की पहचान बने सबसे बेहतर आचरण' : विश्वास कैलाश सारंग



सहकारी बैंकों के अधिकारियों को सहकारिता मंत्री का विशेष निर्देश

भोपाल। सहकारिता मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने जिला सहकारी बैंकों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की बैठक में एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि बैंकों की पहचान उनका कार्य नहीं, बल्कि उनके कर्मचारियों का सर्वोत्तम आचरण बने। मंत्री ने यह भी कहा कि बैंकों के अच्छे कार्यों की मार्केटिंग की जाए और कर्मचारियों को बेहतर व्यवहार के लिए ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जाए। सारंग ने बैंकों में प्रतिस्पर्धा का माहौल तैयार करने का आह्वान किया, ताकि हर स्तर पर नवाचार और बेहतर काम को बढ़ावा मिले। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि साल के अंत में उत्कृष्ट कर्मचारियों को सम्मानित किया जाए, ताकि प्रेरणा का संचार हो।

सुदृढ़ीकरण और पारदर्शिता के साथ बदलाव की आवश्यकता

मंत्री ने सहकारी बैंकों को सुदृढ़ करने के लिए कई अहम सुझाव दिए। उनका कहना था कि बैंकों को अपनी साख मजबूत करनी होगी और यह सुनिश्चित करना होगा कि ग्राहकों के डिपॉजिट पूरी तरह से सुरक्षित हैं। साथ ही, उन्होंने कर्मचारियों से सकारात्मक कार्य-व्यवहार की अपील की और कहा कि काम को एक चुनौती के रूप में लिया जाए। उन्होंने बैंकों से स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ बेहतर संवाद स्थापित करने का भी आह्वान किया, ताकि किसानों को लोन चुकाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।

सहकारी बैंकों के जरिए कृषि विकास को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने की रणनीति

अपर मुख्य सचिव सहकारिता, अशोक बर्णवाल ने कहा कि सहकारी बैंकों का योगदान कृषि विकास में अत्यधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने पेक्स (Primary Agricultural Credit Societies) को मजबूत करने और बिजनेस के अवसर बढ़ाने के लिए ठोस योजनाएं तैयार करने की बात की। साथ ही, माइक्रो एटीएम के उपयोग को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि ग्राहकों को और अधिक सुविधाएं मिल सकें।
सहकारिता मंत्री ने एक और अहम कदम उठाने की बात की – "सहकार-सभा" का आयोजन हर पंचायत में किया जाएगा, जिसमें जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित कर उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित किया जाएगा। इससे सहकारी बैंकों से लोगों का जुड़ाव बढ़ेगा और "सहकार से समृद्धि" का सपना साकार होगा। यह बैठक न केवल सहकारी बैंकों की कार्यप्रणाली में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम थी, बल्कि एक नई सोच और दृष्टिकोण के साथ सहकारिता के क्षेत्र में बदलाव लाने की शुरुआत भी।
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