भोपाल। भाजपा मध्य प्रदेश की सत्ता में बने रहने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। प्रत्याशियों की तीन सूचियों में जिस तरह से नए चेहरों पर दांव लगाया गया, इस क्रम के आगे भी जारी रहने की संभावना है। साथ ही, सर्वे और पार्टी के आंतरिक आकलन में जिन विधायकों की स्थिति ठीक नहीं पाई गई है, उनके टिकट खतरे में हैं। जातिगत और स्थानीय समीकरणों के हिसाब से उनके टिकट काटे जा सकते हैं। इनमें केपी त्रिपाठी (सेमरिया) , रामलल्लू वैश्य (सिंगरौली), महेश राय (बीना), राजेश कुमार प्रजापति (चंदला), डा. सीतासरन शर्मा (होशंगाबाद), राजश्री रूद्र प्रताप सिंह (शमशाबाद), उमाकांत शर्मा (सिरोंज), विक्रम सिंह (रामपुर बघेलान), प्रहलाद लोधी (पवई), शरद कोल (ब्यौहारी), राकेश पाल सिंह (केवलारी), नागेंद्र सिंह (नागौद) और नागेंद्र सिंह (गुढ़) सहित अन्य कई विधायकों के स्थान पर नए चेहरों को मौका दिया जा सकता है। उधर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा को भी चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है। वे खजुराहो संसदीय क्षेत्र से लोकसभा सदस्य हैं। बता दें, इसके पहले पार्टी तीन केंद्रीय मंत्रियों समेत सात सांसदों को विधानसभा चुनाव के लि...